फाइबोनैचि संख्याएं के लिए क्रमागत भिन्न के क्रमिक अभिसरकों के अनुपात के रूप में पाए जाते हैं, और किसी भी क्रमागत भिन्न के क्रमिक अभिसरकों से बने मैट्रिक्स में +1 या-1 का सारणिक होता है.
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आज बीजगणित में केवल समीकरणों का ही समावेश नहीं होता, इसमें बहुपद, सतत भिन्न, अनंत गुणनफल, संख्या अनुक्रम, रूप, सारणिक, श्रेणिक आदि अनेक प्रकरणों का अध्ययन किया जाता है।
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फाइबोनैचि संख्याएं के लिए क्रमागत भिन्न के क्रमिक अभिसरकों के अनुपात के रूप में पाए जाते हैं, और किसी भी क्रमागत भिन्न के क्रमिक अभिसरकों से बने मैट्रिक्स में +1 या-1 का सारणिक होता है.
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यदि ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए, तो संचयिक विश्लेषण (Combinatinal Analysis) के अंतर्गत बहुत से विषय आते हैं, जैसे सारणिक (Determinants), प्रायिकता (Probability), स्थलाकृति विज्ञान (Topology) आदि किंतु अब इनमें से प्रत्येक विषय ने अपने लिए पृथक् स्थान बना लिया है।