किन्तु सैनिक के चेहरे पर भय का लेशमात्र भी चिन्ह नहीं था, वह सम्पूर्ण स्वस्थता के साथ खड़ा रहा.उसकी पत्नी ने साश्चर्य पूछा, “इस भयानक तूफ़ान में भी तुम्हें जरा भी डर नहीं लग रहा है!”सैनिक ने एक क्षण अपनी पत्नी के सामने देखा और झटके के साथ अपनी रिवाल्वर उसके सामने तानते हुए बोला, “क्या तुम्हें मुझसे भय लग रहा है?”“नहीं तो!”“क्यों?”“क्या आप मेरे दुश्मन हैं, जो आपके हाथ में रिवाल्वर देख कर डर जाउं!”रिवाल्वर नीचे करते हुए सैनिक ने कहा, “जिस प्रकार मेरे हाथ में रिवाल्वर थी, उसी प्रकार भगवान के हाथ में तूफ़ान है.