महर्षि कणाद ने वैशेषिक सूत्रों का ग्रंथन कब किया? इसके संबन्ध में अनुसन्धाता विद्वान किसी एक तिथि पर अभी तक सहमत नहीं हो पाये, किन्तु अब अधिकतर विद्वानों की यह धारणा बनती जा रही है कि कणाद महात्मा बुद्ध के पूर्ववर्ती थे और सिद्धान्त के रूप में तो वैशेषिक परम्परा अति प्राचीन काल से ही चली आ रही है।