विकास भारती ने ग्रामीणों के आर्थिक सु॰ढ़ीकरण के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिसमें मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बत्तख पालन, बकरी पालन, सुअर पालन और गाय पालन के लिए किसानों को सहायता दी जा रही है।
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इनको पालने का ज्यादातर काम छोटे पशुपालकों के हाथों में था लेकिन सुअरों से मांस उत्पादन का व्यवसाय जब बड़ी कंपनियों के हत्थे चढ़ गया तो अमेरिका में आज केवल पैंसठ हजार सुअर पालन केंद्रों में छह करोड़ पचास लाख सुअर पाले जा रहे हैं।
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हाल ही मैं इंडिया डेव्हलपमेंट गेटवे नामक संस्था ने कृषि पर एक समृद्द जास स्थल विकसित की है यहाँ कृषि ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड, रेशम, भेड़, बकरी, खरगोश, सुअर पालन, आदि की से संबंधित जिज्ञासाओं का शमन किया जा सकता है ।
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उन्होंने बताया कि डेयरी व्यवसाय में एक पशु खरीदने के लिए 23 हजार 650 रुपए और मुर्गी पालन के लिए 22 हजार रुपए, भेड़ पालन के लिए 47 हजार 700, सुअर पालन के लिए 34 हजार 100 रुपए, झोटा-बुग्गी तथा ऊंंट रेहड़े की एक यूनिट खरीद के लिए 20 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई जाती है।
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बड़े पैमाने पर सुअर पालन और पानी का एकत्र होना और उस गंदे पानी में मच्छरों का पैदा होना ही इस बीमारी का कारण बन रहा है. क्युलेक्स प्रजाति का मच्छर दिमागी बुखार के वायरस सूअरों के जिस्म से मानव शरीर में पहुंचता है और ये इसी मौसम में पनपता है.अगर हमें खुद को और अपने इष्टजनों को इस बीमारी से बचाना है तो बस थोड़ी सी सावधानी और थोड़ी सी जानकारी रखनी होगी.
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बड़े पैमाने पर सुअर पालन और पानी का एकत्र होना और उस गंदे पानी में मच्छरों का पैदा होना ही इस बीमारी का कारण बन रहा है. क्युलेक्स प्रजाति का मच्छर दिमागी बुखार के वायरस सूअरों के जिस्म से मानव शरीर में पहुंचता है और ये इसी मौसम में पनपता है.अगर हमें खुद को और अपने इष्टजनों को इस बीमारी से बचाना है तो बस थोड़ी सी सावधानी और थोड़ी सी जानकारी रखनी होगी.&
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दिनांक 14. 7.2009 श्री पंकज कुमार, मुख्य अधिशासी अधिकारी, छावनी परिषद, रानीखेत द्वारा विपक्षी-निगरानीकर्ता को नोटिस इस सम्बन्ध में भेजा गया कि नोटिस का अनुपालन न करने के कारण उसके उपर छावनी अधिनियम 2006 की धारा 157,284,289 एवं 333 के अन्तर्गत संयुक्त रूप से रू0 2500/-का जुर्माना लगाते हुये निर्देशित किया जाता है कि वह तत्काल छावनी क्षेत्र में सुअर पालन बन्द करें, अन्यथा उसके विरूद्ध भारी जुर्माना लगाते हुये सुअरों को जब्त कर लिया जायेगा।
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दिनांक 14. 7.2009 को श्री पंकज कुमार, मुख्य अधिशासी अधिकारी, छावनी परिषद, रानीखेत द्वारा विपक्षी-निगरानीकर्ता को नोटिस इस सम्बन्ध में भेजा गया कि नोटिस का अनुपालन न करने के कारण उसके उपर छावनी अधिनियम 2006 की धारा 157,284,289 एवं 333 के अन्तर्गत संयुक्त रूप से रू0 2500/-का जुर्माना लगाते हुये निर्देशित किया जाता है कि वह तत्काल छावनी क्षेत्र में सुअर पालन बन्द करें, अन्यथा उसके विरूद्ध भारी जुर्माना लगाते हुये सुअरों को जब्त कर लिया जायेगा।