| 41. | नगो-पत्थरों की दुकानें, सुग्गा ज्योतिषियों का पसरा, सुरमा बेचते लोग, हरी काई रची पुरानी इमारतें।
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| 42. | उसने देखा कि एक सुग्गा अपने बच्चे को अपनी चोंच से अमरूद खिला रहा है।
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| 43. | मैं भी मां के आंचल में वैसे ही समा गया जैसे सुग्गा चिड़िया के पंखों में।
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| 44. | हवाओं से फूल, तितली, सुग्गा, मोर, बाघ बना कर खुश होता है
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| 45. | इन पंक्तियों में महिला कहती है कि केले के घेरे पर सुग्गा (तोता) मंडरा रहा है।
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| 46. | नगो-पत्थरों की दुकानें, सुग्गा ज्योतिषियों का पसरा, सुरमा बेचते लोग, हरी काई रची पुरानी इमारतें।
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| 47. | सुगवा चीख-चीख के सिकायत कर रहा है, ‘सुग्गा हेरा गया! सुग्गा हेरा गया! कोई सुग्गा के खोज रहा है जी?'
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| 48. | सुगवा चीख-चीख के सिकायत कर रहा है, ‘सुग्गा हेरा गया! सुग्गा हेरा गया! कोई सुग्गा के खोज रहा है जी?'
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| 49. | अकिंचन की कहानी सुग्गा भाग गया (रेल भारती, मार्च 1991) में पारिवारिक भावुकता अपनी प्रतीक योजना में पिछड़ जाती है.
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| 50. | केलवा जे फरलई घउद से ता पर सुग्गा मंडराए, ' मरवाऊ रे सुगवा धनुष से सुग्गा गिरे मुरिक्षाये.
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