| 41. | की विषाक्तता, सुन्नता और सांस लेने में कमी के रूप में शीघ्रता से स्पष्ट हो जाती है, और प्राय: घातक होती है.
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| 42. | रोग लक्षण उत्तेजना झुनझुनी और हाथ और पैर में सुन्नता, गर्दन की जकड़न और सूजन और बड़े जोड़ों में दर्द में शामिल हैं.
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| 43. | इसे आम तौर पर सुन्नता, संवेदन हानि, अपसंवेदन, और रात्रिकालीन दर्द के हाथ से पैर तक वितरण के रूप में वर्णित किया जाता है.
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| 44. | इस आसन के द्वारा एक स्थान पर लगातार कई घंटों बैठने से गिल्टियां, शरीर की सुन्नता व झन्नाहट आदि रोग ठीक होते हैं।
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| 45. | इसे आम तौर पर सुन्नता, संवेदन हानि, अपसंवेदन, और रात्रिकालीन दर्द के हाथ से पैर तक वितरण के रूप में वर्णित किया जाता है.
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| 46. | इसके प्रयोग से मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है लेकिन इससे कोई हानि नहीं होती है तथा जीभ और त्वचा की सुन्नता ठीक होती है।
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| 47. | शुरू में सुन्नता, सिरहन या लालिमा हो सकती है, लेकिन आगे चल कर सूजन, फफोले और तेज दर्द भी हो सकता है।
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| 48. | सिर में दर्द होता है, चेहरे पर सुन्नता महसूस होती है, दान्तों व रीढ़ की हड्डी में बैठने पर सुन्नता महसूस होती है।
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| 49. | सिर में दर्द होता है, चेहरे पर सुन्नता महसूस होती है, दान्तों व रीढ़ की हड्डी में बैठने पर सुन्नता महसूस होती है।
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| 50. | 10-15 मालकांगनी के तेल की बूंद के सेवन से शरीर की सुन्नता दूर हो जाती है और यह हड्डियों में पीव को खत्म करता है।
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