| 41. | तन-मन को सुरभित करते हैं
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| 42. | मृगमद से सुरभित करो पयोधर सरसिज कलिका से खेलो।
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| 43. | मेरी वादियों को छूकर फूलों के बीच से सुरभित
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| 44. | सुरभित हर जीवन करो, छिड़क प्रीत के
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| 45. | प्रेम कुसुम सुरभित, अमर प्रेम की सी थाती.
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| 46. | चंदन सी सुरभित हुयी, उसके पग की धूल ।
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| 47. | चलते थे सुरभित अंचल से जीवन के मधुमय निश्वास,
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| 48. | होंठों की संक्षिप्त मुस्कुराहट को लेकर सुरभित होता हुआ..
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| 49. | कथाकुंज की सुरभित पुष्प-पुष्पा सक्सेना
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| 50. | कथाकुंज की सुरभित पुष्प-पुष्पा सक्सेना
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