व्यक्ति ताकतवर हुआ है या इतिहास के इसी दौर में सब से अधिक अकेला? सांस्कृतिक सलवा जुडूम के लिए जिस जंगल की जरूरत है, उसे पूँजी, तकनीक और सूचना विस्फोट के इस नए जमाने ने ही जन्म दिया है.
42.
पुराने मध्य वर्ग से सम्बद्ध रघुनाथ के पास मूल्य दृष्टि है, जीवन के प्रति धारणाएं हैं जिन्हें आजकल विमर्श कहा जाता है और आज सूचना विस्फोट के इस दौर में ये विमर्श इतिहास के हर मोड़ पर नया रूप ग्रहण कर लेते हैं।
43.
फास्ट फूड, फास्ट म्यूजिक और फास्ट लाइफ के नारे वाले समय में, विडियो-इंटरनेट का सूचना विस्फोट है, और देशी-विदेशी चैनलों पर शोर-शराबे वाले संगीत, सेक्स और हिंसा से भरपूर भोगवादी मनोरंजन अब घरों के भीतरी कक्षों में प्रवेश पा गए हैं।
44.
हाँ कल शाम को एक मित्र के फोन से पता चला कि फ्रेंडशिप डे है और मैं ग्लानि बोध से ग्रस्त हो गया-इस सूचना विस्फोट के युग में इतनी जरूरी जानकारी कैसे मिस हो गयी और अपने मटर के सामने मुझे नीचा देखना पडा.
45.
हाँ कल शाम को एक मित्र के फोन से पता चला कि फ्रेंडशिप डे है और मैं ग्लानि बोध से ग्रस्त हो गया-इस सूचना विस्फोट के युग में इतनी जरूरी जानकारी कैसे मिस हो गयी और अपने मटर के सामने मुझे नीचा देखना पडा.
46.
हाँ कल शाम को एक मित्र के फोन से पता चला कि फ्रेंडशिप डे है और मैं ग्लानि बोध से ग्रस्त हो गया-इस सूचना विस्फोट के युग में इतनी जरूरी जानकारी कैसे मिस हो गयी और अपने मटर के सामने मुझे नीचा देखना पडा.
47.
उधर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और एफबीआई सहित दुनिया की विभिन्न एजेंसियों से जुड़े रहे पूर्व जासूसों और राजनयिकों ने एक बयान में कहा है कि हकीकत यह है कि सूचना विस्फोट के इस युग मे भी आम आदमी को सच्चाई का पता लगा पाना बहुत मुश्किल है।
48.
एंटीगनी (ग्रीक नाटक) द्वारा सोफोक्लीज़ अनुवाद रणवीर सिंह पंचशील प्रकाशन, जयपुर, अस्सी रुपये, पृ 52, 2007 जिस सूचना क्रांति या कहें सूचना विस्फोट के युग में हम जी रहे हैं वहाँ थियेटर की भूमिका बहस का मुद्दा हो सकती है पर जब तक जीवनधारा प्रवाहित है, कलाओं की अहमियत में इजाफा ही होना है और थियेटर भीकतई इसका अपवाद नहीं है।
49.
कुमार अनुपम की तीक्ष्ण दृष्टि मीडिया की बढ़ती जा रही सनसनीख़ेज़, बाज़ारपरक व संवेदना-शून्य होने की प्रवृत्ति पर तीव्र प्रहार करने से भी नहीं चूकती, “ सनसनीख़ेज़ ख़ुलासों में मुस्तैद मीडिया की नज़र / से शायद ही बची हो कोई ख़बर / इसी सांत्वना और सूचना-समृद्ध होने की आश्वस्ति से भर / टूथब्रश पर लगाया पेप्सोडेन्ट और / सूचनाओं के झाग में लथपथ अचानक / कुछ ऐसा लगा कि ख़बरों में नहीं बची है / पिपरमिंट भर भी सनसनी ” (‘ सूचना विस्फोट की पृष्ठभूमि में ' शीर्षक कविता से).
50.
राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं में वृद्धि हुई है और वे उनके तुरंत समाधान की अपेक्षा रखते हैं, आज हम सूचना विस्फोट के साथ, नए से नए तकनीकी आविष्कारों को देख रहे हैं, इन्होंने हमारी जीवन-शैली को ही बदल डाला है और भौतिक सुविधाओं के प्रति चाह भी बढ़ी है, लगातार ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि तरक्की तथा संसाधनों को अधिक समतापूर्ण तरीके से, कैसे साझा किया जाए, इस बात पर भी चिंता जताई जा रही है कि वैश्वीकरण, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के इस युग में मानव समुदाय किस दिशा में बढ़ रहा है।