हम जब समाज की ओर निश्चल दृष्टि से देखेंगे और मनन करेंगे तो पता चलेगा कि अधिकांश व्यक्ति इस कलियुग में येन-केन प्रकारेण अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए निदनीय एवं धर्म विरुद्ध आचरण में लिप्त हैं और फिर शनि के कठोर दंड से पीड़ित होना भी उनकी नीयत है।
42.
› वाटिकन सिटीः भुखमरी एक वैश्विक कलंक, सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन सिटी, 10 दिसम्बर सन् 2013 (सेदोक वी. आर.): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन के बावजूद लगभग एक अरब लोगों का भुखमरी से पीड़ित होना वास्तव में विश्व के लिये एक कलंक है।
43.
स्पेशल फ़ीचर › वाटिकन सिटीः भुखमरी एक वैश्विक कलंक, सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन सिटी, 10 दिसम्बर सन् 2013 (सेदोक वी. आर.): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन के बावजूद लगभग एक अरब लोगों का भुखमरी से पीड़ित होना वास्तव में विश्व के लिये एक कलंक है।
44.
इसके कई कारण होते हैं जैसे अनुवांशिक बघिरता, समय से पहले जन्म होना, जन्म होते समय ऑक्सीजन की कमी, गर्भावस्था के समय के रोग, उस दौरान ली गई किसी दवा का दुष्प्रभाव, कां के अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाना, किस रोग विशेष से पीड़ित होना, कान की बीमारियाँ आदि.
45.
6. र्नैत्य दिशा में इसके होने से गृहस्वामी के लिये अशुभ, कष्टकारक व असामयिक मृत्यु, धन की हानि, स्त्रियों व पुरूषों में आपसी कलह, मृत्यु तुल्य कष्ट, जल से उत्पन्न होने वाले रोगों से पीड़ित होना, संतान से तीव्र मतभेद परिवार में क्लेश, व्यक्ति के प्रभाव में कमी, पारिवारिक सदस्य अनेक रोगों से ग्रसित होते हैं।
46.
अगर मामला ऐसे ही है जैसाकि आप ने उल्लेख किया है तो आपका रोज़ा सही है, क्योंकि आपका नकसीर से पीड़ित होना आपकी इच्छा के बिना हुआ है इसलिए उसके पाए जाने से आपके ऊपर रोज़ा टूटने का हुक्म निष्कर्षित नहीं होगा, इस बात का तर्क शरीअत की आसानी के प्रमाणों से निकलता है, जिनमें से एक अल्लाह तआला का यह फरमान है:
47.
खनिज व रेल संसाधनों को क्षति पहुंचाना, 50-60 हजार लोगों का अपने गांवों से बेदख़ल हो जाना और शिविरों में रहना, विशेष जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारियां होना, सैकड़ों आदिवासी परिवारों का आंध्रप्रदेश व दूसरे राज्यों की सीमाओं में शरण लेना, हजारों बच्चों का वहां शिक्षा से वंचित होना, कुपोषण से पीड़ित होना, सुरक्षा बलों व नक्सलियों के ख़िलाफ खड़े लोगों पर अत्याचार के आरोप लगना, उद्योगों के लिये भूमि देने का विरोध और समर्थन, बेदखली के लिये उत्पीड़न जैसे दर्जनों प्रश्न हैं.