लोगों की पहुंच से दूर होने के आरोपों को ठुकराते हुए गोविंदा ने कहा, '' कुर्सी पर बैठने के बजाए आम जनता के लिए काम करने से मतलब होना चाहि ए. '' गोविंदा ने कहा कि उन्हें खलनायक के रूप में पेश किया गया जबकि सच्चाई कुछ और है.
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जनता को बस शाहिद की फ़िल्म्स से मतलब होना चाहिये| फिल्म देखो एंजाय करो| क्या आपको अच्छा लगेगा की आपका एंप्लायर सारे टाइम आपके पर्सनल ज़िंदगी में दिलचस्पी रखे? नहीं ना... तो इसी तरह इनको भी अकेले छोड़ देना चाहिये| पब्लिक फिगर होने का ये नुकसान है की हर एक को आपकी निजी लाइफ में ज़्यादा इंटेरेस्ट होता है|
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बाथरूम में चुदाई हो जाये चुदाई करने से मतलब होना चाहिए न की जगह का | जहा चुदाई अच्छी हुई वही चुद लेनेगे हम, अब चाहे वो कमरा हो या फिर बाथरूम | वेसे मैं बाथरूम अपनी झात साफ़ करने आई थी पर पता नही तुम कहा से आ गए, अब तो मुझे शर्म आ रही हे आपके सामने झात साफ़ करने में | वेसे बालो पे मत जाइये, इसके अंदर जो मजा हे उसको देखिये |
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मैंने कहा भाई पेपर बैक ही छपवा लो हमे तो किताब छपने से मतलब होना चाहिए इस पर उन साहब का जवाब सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई उसने कहा कि भाई जान “ क्या है कि मुझे किताब इनआम के लिए मुख्तलिफ़-मुख्तलिफ़ अकादमियों में भेजनी है और अकादमियां सिर्फ ज़िल्द वाली किताब ही स्वीकार करती है ” उस युवा शाइर ने सही कहा था मगर मुझे दुःख इस बात का है कि लोग सिर्फ इस लिए लिख रहे हैं कि उन्हें इनआम मिले...