सौर वायु और सौर ज्वाला के द्वारा अधिक ऊर्जा के कणों का प्रवाह होता है जिससे पृथ्वी पर बिजली की लाईनो के अलावा संचार उपग्रह और संचार माध्यमो पर प्रभाव पडता है।
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सौर वायु और सौर ज्वाला के द्वारा अधिक उर्जा के कणो का प्र्वाह होता है जिससे पृथ्वी पर बिजली की लाईनो के अलावा संचार उपग्रह और संचार माध्यमो पर प्रभाव पडता है।
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सौर वायु और सौर ज्वाला के द्वारा अधिक उर्जा के कणो का प्र्वाह होता है जिससे पृथ्वी पर बिजली की लाईनो के अलावा संचार उपग्रह और संचार माध्यमो पर प्रभाव पडता है।
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इसके पश्चात 5 वर्ष से कुछ ज्यादा काल मे चक्र अपने चरम पर होता है और सौर गतिविधियाँ अपने चरम पर होती है, हम ज्यादा सौर धब्बे, ज्यादा सौर ज्वाला देखते हैं।
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वर्तमान मे सूर्य सौर गतिविधियाँ के चक्र के चरम (2013) मे पहुंच रहा है और हम सौर गतिविधियोँ मे वृद्धि देख रहे है, ज्यादा सौर धब्बे, ज्यादा सौर ज्वाला इत्यादि।
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सारी दुनिया जब वैलेंटाईन समारोहों में मुब्तिला थी एक सौर लपट उठी और धरती को अपने आगोश में लेने चल पडी-मानो यह एक अन्तरिक्षीय वैलेंटाईन का नजारा हो! बहरहाल वैज्ञानिकों ने अब राहत की सांस ली है की इस सौर ज्वाला ने धरती पर ज्यादा क़यामत नहीं ढाई....
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सारी दुनिया जब वैलेंटाईन समारोहों में मुब्तिला थी एक सौर लपट उठी और धरती को अपने आगोश में लेने चल पडी-मानो यह एक अन्तरिक्षीय वैलेंटाईन का नजारा हो! बहरहाल वैज्ञानिकों ने अब राहत की सांस ली है की इस सौर ज्वाला ने धरती पर ज्यादा क़यामत नहीं ढाई....
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अर्थ नारायांस्त्रम है सूर्य ग्रहणसे, हमारी ग्रहों की गति, सोलर प्रोमिनेंसिस (सौर ज्वाला), सौर किरीट, सौर मुकुट, सौर ताज, कोरोना सम्बन्धी ज्ञान में इजाफा हुआ है, हम प्रकिर्ति के कूट संकेतों को पकड़ रहें हैं, बे शक हममें से कई “ आँख के अंधे नाम नैन सुख है ”, बुद्धिमान पशु हैं, हममें से कई लोग.
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सारी दुनिया जब वैलेंटाईन समारोहों में मुब्तिला थी एक सौर लपट उठी और धरती को अपने आगोश में लेने चल पडी-मानो यह एक अन्तरिक्षीय वैलेंटाईन का नजारा हो! बहरहाल वैज्ञानिकों ने अब राहत की सांस ली है की इस सौर ज्वाला ने धरती पर ज्यादा क़यामत नहीं ढाई....जैसा कि २००३ में दुनिया के कई देशों में सौर ज्वालाओं के चलते ब्लैक आउट की नौबत आ गयी थी-रेडिओ सिग्नल और विद्युत् आपूर्ति तक लडखडा गयी थी..