किरण बेदी का पर्स चोरी होना, महिलाओं के साथ बदतमीजी होना, बाइकर्स का निडर होकर स्टंट करना और पुलिस द्वारा मना करने पर अन्ना हजारे के समर्थन में आक्रामक तरीके से नारेबाजी करना, इंडिया गेट पर फिल्म अभिनेता जावेद जाफरी को दौड़ा-दौड़ा कर भगाना, राहुल गांधी के घर पर विरोध करने गए युवाओं द्वारा समोसा और पेय पदार्थ पर टूट पड़ना आदि ने इस अभियान में युवाओं की भूमिका पर संदेह पैदा कर दिया है।