द्वयाधारी = द्वि + आधारी = ' २' आधार वाला) केवल दो अंकों (० तथा १) को काम में लेने वाली स्थानीय मान संख्या पद्धति है।
42.
किन्तु किसी अंक या अंक-समूह के दाहिनी ओर शून्य लगाने से उसके बायें के सभी अंकों का स्थानीय मान पहले का दस गुना हो जाता है।
43.
द्वयाधारी = द्वि + आधारी = ' २' आधार वाला) केवल दो अंकों (० तथा १) को काम में लेने वाली स्थानीय मान संख्या पद्धति है।
44.
यदि लोलक का आयाम कम हो तो इसका आवर्तकाल आयाम पर निर्भर नहीं करता बल्कि केवल लोलक की लम्बाई और गुरुत्वजनित त्वरण के स्थानीय मान पर निर्भर होता है।
45.
स्थानीय मान पर आधारित संख्या निरूपण से बहुत सी अंकगणितीय संक्रियाएँ बहुत सरलता से की जाने लगीं और इस कारण यह पद्धति शीघ्र ही पूरे संसार में अपना ली गयी।
46.
स्थानीय मान पर आधारित संख्या निरूपण से बहुत सी अंकगणितीय संक्रियाएँ बहुत सरलता से की जाने लगीं और इस कारण यह पद्धति शीघ्र ही पूरे संसार में अपना ली गयी।
47.
द्वयाधारी संख्या पद्धति (binary numeral system; द्वयाधारी = द्वि + आधारी = '२' आधार वाला) केवल दो अंकों (० तथा १) को काम में लेने वाली स्थानीय मान संख्या पद्धति है।
48.
शून्य का कोई मान (मूल्य) नहीं है किन्तु उसे अगर एक अंक के दाहिनी ओर लिख दिया जाए तो वह दस इंगित करेगा क्योंकि अब १ का स्थानीय मान दस हो गया।
49.
शून्य का कोई मान (मूल्य) नहीं है किन्तु उसे अगर एक अंक के दाहिनी ओर लिख दिया जाए तो वह दस इंगित करेगा क्योंकि अब १ का स्थानीय मान दस हो गया।
50.
हर संभव संख्या को दस संकेतों के समुच्चय द्वारा प्रकट करने की अनोखी विधि जिसमें हर संकेत का एक स्थानीय मान और एक परम मान हो, भारत में ही उद्भूत हुई।