वह कहाँ जाए? कॉलेज? स्वप्नवत् एक दृश्य उसके आगे दौड़ गया-लड़कों की भीड़ शेखर को घेरे है, कुछ उसे कन्धों पर उठाना चाहते हैं, और हल्ला हो रहा है-जिन्दाबाद! शेखर! इन्कलाब! और उसके तत्काल बाद एक दूसरा चित्र-टिकटी पर मोहसिन नंगा हुआ बँधा है, और उसके चूतड़ों की चिरियों से खून बह रहा है।