| 41. | यहाँ पर इशारा इश्क़े हक़ीक़ी यानी कुल और इश्क़े मजाज़ी यानी टुकड़े से है।
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| 42. | 12. क़ुरआने मजीद की रू से तावील के हक़ीक़ी मअना क्या हैं?
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| 43. | लालू भगत की कहानी में हक़ीक़ी हक़ीक़त है, बाक़ी में कविता की हक़ीक़त।
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| 44. | वाक़ेई फ़ायदे को नुक़सान समझते हैं और हक़ीक़ी नुक़सान को फ़ायदा तसव्वुर करते हैं।
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| 45. | लालू भगत की कहानी में हक़ीक़ी हक़ीक़त है, बाक़ी में कविता की हक़ीक़त।
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| 46. | मख़्लूक़ में है सिफ़ाते ख़ालिक़ का परतौ इश्क़े मजाज़ी से वा है हक़ीक़ी द्वार सदा
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| 47. | हक़ीक़ी मोमिन वही है जिसके दिल मे अल्लाह की याद से लरज़ा पैदा हो जाये।
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| 48. | यहाँ पर इशारा इश्क़े हक़ीक़ी यानी कुल और इश्क़ ए मजाज़ी यानी टुकड़े से है।
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| 49. | उस हक़ीक़ी मालिक की इबादत न करना क्या मानी और उसकी निस्बत ऐतिराज़ कैसा.
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| 50. | याद रहे कि अंबिया अलैहिमस्सलाम मानना यह हैं कि हक़ीक़ी कामयाबी मानवियत से हासिल होती है।
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