| 41. | शोभाकांत झा का ललित निबंध-हरसिंगार
|
| 42. | यह हरसिंगार के झरने की वेला है।
|
| 43. | लिपट के रोया है किससे ये हरसिंगार का पेड़।”
|
| 44. | एक गीत-बांध रहे नज़रों को फूल हरसिंगार के
|
| 45. | वह हरसिंगार के फूलों सा सुकुमार सहज कुम्हला जाता!
|
| 46. | मानव-जीवन हरसिंगार के फूल की तरह है।
|
| 47. | मैंने हरसिंगार, रात की रानी,अमरुद,आम,पपीता,इत्यादि कई पेढ़ लगा रखे हैं।
|
| 48. | सिरहाने खड़ा हुआ हरसिंगार का पेड़ गिर चुका है।
|
| 49. | निर्गुण्डी हरसिंगार का वृक्ष हरसिंगार के फूल
|
| 50. | निर्गुण्डी हरसिंगार का वृक्ष हरसिंगार के फूल
|