3. एक बार एक कुत्ता था जो मुझे बेहद पसंद था | अगर मुझे आखिरी बार देखे हुए उसे ज्यादा समय हो जाता तो मुझे देखकर वह हर्षोन्माद में अपनी पीठ के बल जमीन पर तड़पता रहता, और खुद को गीला कर देता, इस उम्मीद में कि मैं उसे प्यार भरी थपकी दूंगा | उन्होंने उसे जहर दे दिया, और वो मर गया |
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आप अपनी नौकरी से हाथ धो सकते थे तथा किसी काम के नहीं रह जाते और प्रकृतिक संकट व आपातकाल के समय में, युद्ध के समय में खासकर जब हर्षोन्माद का वातावरण बना हुआ हो, बहुत कम ऐसे लोग हैं जो सवाल करें-' क्या युद्ध सभी के हित में है? ‘ ' क्या ऐसा करना अक्लमंदी है? ‘ ' क्या व्यापक तौर पर विनाश और रक्तपात का विचार ठीक है? `