कहता है, 'लगता है मुनव्वर भाई इस नपुंसक और हिंसक समाज का मैं भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हूं।' 'नहीं आनंद जी, ऐसा तो मत कहिए!' मुनव्वर भाई आनंद को अपनी बाहों में सहारा देते हुए कहते हैं, 'आप भी ऐसा कहंेगे तो हम लोग क्या करेंगे?' 'क्यों हम सभी इस नपुंसक और हिंसक समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं हैं?' वह कहता है, 'मुनव्वर भाई आप हो न हों, मैं तो हो गया हूं।' वह रो पड़ता है।