स्वामी अग्निवेश लम्बे समय से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का वरदहस्त है l इसकी भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है इसके इतिहास से जो लोग भी परिचित हैं उन सभी को यह समझ में नहीं आ रहा था की हमेशा ही बर्बर माओवादी हत्यारों, अलगाववादियों और जेहादी आतंकियों के आगे-पीछे दुम हिलाने वाला ये स्वयंभू स्वामी आखिर अन्ना हजारे जैसे देशभक्त समाजसेवी का साथ क्यों दे रहा है वो भी उस आन्दोलन में जो सीधे अग्निवेश के संरक्षकों अर्थात कांग्रेस आलाकमान को मुसीबत में डालेगा.
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लेकिन जैसा कि हर राजनेता के जीवन मे कुछ कठिन पल आते है, सो 1997 मे जब सीबीआइ ने उनके खिलाफ चारा घोटाले मे आरोप पत्र दाखिल किया तो उन्हे मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा, लेकिन अपनी पत्नी राबड़ी देवाी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बने रहे, और अपरोक्ष रूप से सत्ता की कमान भी उनके हाथ ही रही.चारा मामले मे लालू को जेल भी जाना पड़ा, बहुत नौटंकी भी हुई और उनको कई महीने जेल मे भी रहना पड़ा, लेकिन बिहार मे लालू को हिलाने वाला अब तक पैदा नही हुआ था.