| 41. | किताब की शुरुआत संसार भर के पक्षियों की कॉन्फ्रंस बुलाने और उसमें हुदहुद के नेता चुने जाने के वर्णन से होती है।
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| 42. | किताब की शुरुआत संसार भर के पक्षियों की कॉन्फ्रंस बुलाने और उसमें हुदहुद के नेता चुने जाने के वर्णन से होती है।
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| 43. | हमने हुदहुद से कहा कि यह पात्र लेजा और डाल दे, देखें कि वह लोग पत्र पढ़कर पढ़कर क्या जवाब देते हैं “.
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| 44. | हुदहुद ने वह खत बिल्कीस की गोद में डाल दिया और वह उसको देखकर खौफ़ से लरज़ गई और फिर उस पर मोहर देखकर.
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| 45. | पक्षियों में कुछ तो ऐसे होते हैं जिन्हें सफाई का बड़ा ध्यान रहता है, किंतु कुछ ऐसे हैं जिन्हें हुदहुद की तरह गंदगी ही अधिक प्रिय है।
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| 46. | तो हुदहुद कुछ ज़्यादा देर न ठहरा और आकर (15) (15) बहुत विनम्रता और इन्किसारी और अदब के साथ माफ़ी चाह कर.
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| 47. | पक्षियों में कुछ तो ऐसे होते हैं जिन्हें सफाई का बड़ा ध्यान रहता है, किंतु कुछ ऐसे हैं जिन्हें हुदहुद की तरह गंदगी ही अधिक प्रिय है।
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| 48. | न भजन ही गाता कोई! न कोई 'कुमरी' 15 आज चहक रहीन कोई 'कतजी' 16 ही आज नाच रही,कोकिल जैसे आज कहीं खो गईडर रहा हुदहुद आज बोलने से।
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| 49. | हुदहुद ने प्रस्ताव रखा “ हमें नया राजा चुनना चाहिए, जो हमारी समस्याएं हल करे और दूसरे राजाओं के बीच बैठकर हम पक्षियों को जीव जगत में सम्मान दिलाए।
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| 50. | न कोई ' कुमरी ' 15 आज चहक रही न कोई ' कतजी ' 16 ही आज नाच रही, कोकिल जैसे आज कहीं खो गई डर रहा हुदहुद आज बोलने से।
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