जीम में 4 अंतःस्थ तथा 4 बाह्यस्थ पेशियां होती हैं.
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जीम में 4 अंतःस्थ तथा 4 बाह्यस्थ पेशियां होती हैं.
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अंतःस्थ ये निम्नलिखित चार हैं-य् र् ल् व् 3.
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इसको कलाकार जब समझेगा तो पायेगाकि उसकाअपने अंतःस्थ के प्रतिदायित्व हैं.
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इसके निम्नलिखित तीन भेद हैं-1. स्पर्श 2. अंतःस्थ 3. ऊष्म
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की तंत्रिकाएं होती हैं, जीभ की सभी अंतःस्थ तथा एक्सट्रिंसिक पेशियों में हाइपोग्लोसल तंत्रिका (
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और ये भी देखिये-य र ल व ये चार अंतःस्थ व्यंजन होते हैं ।
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सिवा एक एक्सट्रिंसिक पेशी-प्लैटोग्लोसस को छोड़कर, जिसमें फैरिंगियल प्लेक्सस के CN10 की तंत्रिकाएं होती हैं, जीभ की सभी अंतःस्थ तथा एक्सट्रिंसिक पेशियों में हाइपोग्लोसल तंत्रिका (CN 12), की आपूर्ति होती है.
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यदि OD के अंतःस्थ दर्शन को संक्षेपित करने वाले किसी एक विचार का उल्लेख करना हो, तो वह कर्ट लेविन द्वारा कल्पित तथा अन्य व्यवाहारात्मक वैज्ञानिकों द्वारा विस्तारित कार्यवाही अनुसंधान का विचार होगा.