| 1. | इहिं अंतर अकुलाई उठे हरि, जसुमति मधुर गावैं।
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| 2. | घनीभूत प्राणेर व्यथा बह जाने को अकुलाई!
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| 3. | खड़ी हो कर इधर-उधर अकुलाई नजरों से देखने लगी।
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| 4. | नीर ज तब मेरी पीड़ा अकुलाई!
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| 5. | नीर ज तब मेरी पीड़ा अकुलाई!
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| 6. | तब मेरी पीड़ा अकुलाई!-गोपालदास नीरज
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| 7. | मैं अकुलाई प्रेम पगी दर्शन दो
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| 8. | मधुर मिलन से पल पहले वेदना बहुत अकुलाई है.
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| 9. | वो जिनसे मिलने को, अकुलाई इतनी आतुर थी ….
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| 10. | ' ' कहकर अकुलाई हुई ऑंखों से उसने एक बार महेन्द्र को देखा।
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