| 1. | श्री गीता के अनुसार अकुशल श्रम को हेय न समझें-आलेख
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| 2. | इसी अकुशल श्रम को सम्मान की तरह देखने का प्रयास करना चाहिये।
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| 3. | श्रीगीता में लिखा हुआ है कि अकुशल श्रम को हेय न समझें।
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| 4. | श्रीगीता में लिखा हुआ है कि अकुशल श्रम को हेय न समझें।
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| 5. | इसी अकुशल श्रम को सम्मान की तरह देखने का प्रयास करना चाहिये।
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| 6. | श्रीगीता कहती है कि अकुशल श्रम से सात्विक लोग परहेज नहीं करते।
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| 7. | जिसमें व्यस्क सम्बन्धियों का पूर्ण विवरण एवं अकुशल श्रम हेतु परिवार के इच्छुक
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| 8. | गीता में अकुशल श्रम को हेय मानने वालों को तामस बुद्धि का माना गया है।
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| 9. | हैं पर नौकरी लेने अकुशल श्रम के लिए न्यूनतम वेतन काम की तुलना में कई.
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| 10. | श्रीमद्भागवत गीता में अकुशल श्रम को हेय समझना तामस बुद्धि का प्रमाण माना गया है।
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