| 1. | प्रजा पाल अति बेदबिधि कतहुँ नहीं अघ लेस॥153॥
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| 2. | जनम जनम के अघ अब धो ले ॥
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| 3. | होउ नाथ अघ खग गन बधिका । ”
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| 4. | अघ अनेक अवलोकि आपने, अनघ नाम मनुमानि डरौं।।
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| 5. | जे अघ तिय बालक ब ध कीन्हें ।
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| 6. | सुग्रीव का अघ और विभीषण की करतूति)-
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| 7. | अघ उत्पाद परीक्षा कंसाघ क्षितिघ्न पूर्व उत्तम वा
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| 8. | भजन-तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं...
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| 9. | अति अघ गुर अपमानता सहि नहिं सके महेस।।106ख।।
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| 10. | कौन तिन्हकी कहै जिन्हके सुकृत अरु अघ दोउ।
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