| 1. | चंद्र खिरनी मूल 3. मंगल अनंतमूल 4.
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| 2. | काढ़े या पाक के रूप में अनंतमूल दिया जाता है।
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| 3. | अनंतमूल, निशोथ की ४२ प्रजातियों पर कभी भी संकट आ सकता है ।
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| 4. | मूंगा स्वर्ण में धारण करें अथवा अनंतमूल की जड़ लाल डोरे में धारण करें।
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| 5. | अनंतमूल का उपयोग करने की वजह से इसे अनंतमूली चाय के नाम से जाना जाता है।
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| 6. | अनंतमूल स्वभाव से गर्म प्रकृति का पौधा होता है, इसकी जड़ें निकालकर लगभग 1 ग्राम साफ जड़ पानी में खौलायी जाती है।
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| 7. | * मुलहठी, चंदन और अनंतमूल समभाग का चूर्ण 20 ग्राम लेकर इसे 20 ग्राम गाय के घी और 320 ग्राम दूध में पकाएँ।
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| 8. | सूर्य ग्रह के लिए बेलपत्र की जड़, चन्द्र ग्रह के लिए खिरनी या खजूर की जड़, मंगल ग्रह के लिए अनंतमूल या नाग जिह्वा की जड़, बुध
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| 9. | भांगरा, त्रिफला, अनंतमूल, आम की गुठली इन सभी का मिश्रण तथा 10 ग्राम मंडूर कल्क व आधा किलो तेल को एक किलो पानी के साथ पकायें।
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| 10. | पहले चिरौंजी, अब अनंतमूल-उपयोगी वनस्पतियों की सचित्र जानकारी की डोज़ इसी प्रकार पोस्ट्स के बीच में देते रहिये तो हमारी जानकारी भी बढती रहेगी, धन्यवाद!
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