| 1. | है जो स्वयंभू, अपरिच्छिन्न और अद्वितीय है;
|
| 2. | इसी तर्कपद्धति द्वारा उसने दिखाया कि किस प्रकार अपरिच्छिन्न
|
| 3. | वह दिक् काल आदि से अपरिच्छिन्न सत्ता का लक्षण है।
|
| 4. | इस स्वयंभू अपरिच्छिन्न और अद्वितीय द्रव्य के नाम के विषय में कोई
|
| 5. | प्रकार के जीवबिन्दुओं की वर्षा कराई है वह शुद्ध वेदांत के अपरिच्छिन्न
|
| 6. | हैं लेकिन यह प्रज्ञान तो अनन्त है देश, काल,वस्तु अपरिच्छिन्न है, सर्वत्र
|
| 7. | सत्ता परिच्छिन्न होकर भी अपरिच्छिन्न बनी रहती है, किस प्रकार चित् का भाव
|
| 8. | करता है जिसमें वह अपने साथ साथ समस्त संसार को एक अपरिच्छिन्न सत्ता में
|
| 9. | उन्होंने उसी पंककुटिला अपरिच्छिन्न बद्धपुष्करिणी में श्वेत पंकजों के सदृश्य साहित्य प्रसूनों को विकसित किया।
|
| 10. | उन्होंने उसी पंककुटिला अपरिच्छिन्न बद्धपुष्करिणी में श्वेत पंकजों के सदृश्य साहित्य प्रसूनों को विकसित किया।
|