| 1. | पूरबी अवधी में अब तक अपादान कारक के
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| 2. | अतः घोड़े से और छत से अपादान कारक हैं।
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| 3. | अतः घोड़े से और छत से अपादान कारक हैं।
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| 4. | अतः घोड़े से और छत से अपादान कारक हैं।
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| 5. | अतः घोड़े से और छत से अपादान कारक हैं।
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| 6. | 3. करण और अपादान कारक की विभक्ति हिन्दी भाषा में ' से ' है।
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| 7. | जहाँ एक संज्ञा का दूसरी संज्ञा से अलग होना सूचित होता है, वहाँ अपादान कारक होता है।
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| 8. | संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया जाए वह अपादान कारक कहलाता है।
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| 9. | अपादान कारक संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया जाए वह अपादान कारक कहलाता है।
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| 10. | अपादान कारक संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया जाए वह अपादान कारक कहलाता है।
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