| 1. | चल तनिक अवगाह लें, फिर सूर्य बनकर छायेंगे.
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| 2. | रहा काम का मधुर रस, प्रणय-कलह अवगाह ।
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| 3. | पाया था आशीष तुम्हारा, यादों में अवगाह रहे..
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| 4. | रसों के ताल में नीचे उतर अवगाह तो ले।
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| 5. | शुभ नर्मदा है नेह की, अवगाह देह विदेह हो.
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| 6. | शुभ नर्मदा है नेह की, अवगाह देह विदेह हो,
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| 7. | यह दुहरे अवगाह द्वारा पक्व चमड़े की पहचान है।
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| 8. | यह दुहरे अवगाह द्वारा पक्व चमड़े की पहचान है।
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| 9. | अति पवित्र निर्झरी क्षीरमय दृग की वह सुखकारी, जिसमें कर अवगाह नई फिर हो उठाती है नारी.
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| 10. | हृदय-जल में सिमट कर डूब, इसकी थाह तो ले, रसों के ताल में नीचे उतर अवगाह तो ले।
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