| 1. | गरीब अलह अविगत राम है, निरबानी निरबंध |
|
| 2. | गरीबदास अविगत मिले, मिट गई मन की बांस।।
|
| 3. | भक्ति हेत काया धर आये, अविगत सत् कबीर हैं।।
|
| 4. | दास गरीब सतपुरुष भजो, अविगत कला कबीर।।
|
| 5. | ' अविगत गति कछु कहत न जाये।
|
| 6. | हम ही शब्द शब्द की खानी, हम अविगत प्रवानी
|
| 7. | दास गरीब सतपुरुष भजो, अविगत कला कबीर।
|
| 8. | अविगत गति खाली मैदान. दौड़ लगाती तरंगें.
|
| 9. | वै अविगत अविनासी पूरन, सब घट रहे समाई।
|
| 10. | अविगत गति कछु कहत न आवै.
|