| 1. | परंतु विद्वान तथा अविद्वान में आकाश-पाताल का अन्तर है।
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| 2. | नाना हिताग्नि न अविद्वान न स्वैरी स्वैरनी कुतः ||
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| 3. | (अविद्वान और मूर्ख का) दृष्टान्त
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| 4. | 7 (अविद्वान और मूर्ख का) दृष्टान्त
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| 5. | एक अविद्वान की दृष्टि से और साधारण समझ से मैंने पाया, कि..
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| 6. | विद्वान और अविद्वान दोनों को ही ग्रन्थ समान रूप से प्रिय होते हैं।
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| 7. | विद्वान और अविद्वान दोनों को ही ग्रन्थ समान रूप से प्रिय होते हैं।
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| 8. | इसी प्रकार अमनुष्य मनुष्यों एवं विद्वान अविद्वान की तुलना में श्रेष्ठतर होते हैं ।
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| 9. | न कि महामूर्ख, दुराचारी केवल पुआपांडे अविद्वान शब्द से समझे जा सकते हैं।
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| 10. | इसी प्रकार अमनुष्य मनुष्यों एवं विद्वान अविद्वान की तुलना में श्रेष्ठतर होते हैं ।
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