| 1. | नश्वर जगती पर अविनश्वर विधि-विधना की परछांई सी..
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| 2. | उन्हें बना देता है अधिक अविस्मरणीय अविनश्वर..।
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| 3. | दिन रात लुटाया करते हो, सम शम की अविनश्वर मणियाँ।
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| 4. | सर्व कालिक और अविनश्वर प्रकाश उनको सदा प्रकाशित रखता है।
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| 5. | संसार की सभी नश्वर वस्तुओं के मध्य वही अविनश्वर है।
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| 6. | संसार की सभी नश्वर वस्तुओं के मध्य वही अविनश्वर है।
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| 7. | वह अक्षर और अविनश्वर है और जीवात्मा के रूप में प्रत्येक जीव में अवस्थित है।
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| 8. | वह अक्षर और अविनश्वर है और जीवात्मा के रूप में प्रत्येक जीव में अवस्थित है।
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| 9. | मैं आत्मा हूँ, विचार या रुप से अछूती आत्मा! मैं अभेद, अविनश्वर आत्मा हूँ।
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| 10. | चावल या अक्षत की अखंडता और उज्ज्वलता हमारे जीवन में अविनश्वर और उज्ज्वल सुख का अहसास कराए।
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