| 1. | क्योंकि हरेक में अव्याप्ति अथवा अतिव्याप्ति का दोष है।
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| 2. | भ्रम अति-व्याप्ति, अनाव्याप्ति, और अव्याप्ति दोष है।
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| 3. | भ्रम मुक्ति = अतिव्याप्ति, अनाव्यप्ति, अव्याप्ति दोषों से मुक्त होना।
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| 4. | व्यापार और नौकरी में अतिव्याप्ति, अनाव्याप्ति और अव्याप्ति दोष होता ही है।
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| 5. | “वाक्यं रसात्मकं काव्यम” में कुछ लोगों को जो अव्याप्ति दिखाई पड़ा है वह
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| 6. | छल, कपट, दंभ, पाखण्ड-यह अतिव्याप्ति, अनाव्याप्ति, और अव्याप्ति दोषों का प्रदर्शन है।
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| 7. | वैसे यदि ‘श्रृंगार काल ' विशेषण मान भी लिया जाए तो इस नामकरण में अव्याप्ति दोष है.
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| 8. | मध्यस्थ-दर्शन के अनुसंधान पूर्वक निकला-अति-व्याप्ति, अनाव्याप्ति, और अव्याप्ति दोष वश ही भय और प्रलोभन है।
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| 9. | किन्तु जिस प्रकार ' धर्म ' शब्द अतिव्याप्त है, उसी प्रकार यह अव्याप्ति-दोषग्रस्त है।
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| 10. | ला. ठा. को व्याप्ति, अव्याप्ति और अतिव्याप्ति के दोष के खतरे के बावजुद भी अत्याधिक वृतान्त करनेमें दिलचस्पी है.
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