| 1. | २०१४ में वह पार्टी अस्तगत हुई तो आश्चर्य नहीं.
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| 2. | साथ ही सारे ग्रहों को एक-एक बार अपने तेज से अस्तगत कर देते हैं।
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| 3. | अंततः एक दिन अस्तगत ग्रह एवं सूर्य का पारस्परिक अंतर शून्य हो जाता है।
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| 4. | पर्वत यदि दबा हुआ है, तो वह नीच, अस्तगत अथवा शत्रुक्षेत्री होता है।
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| 5. | इस मंत्र का 108 बार जप गुरु के अस्तगत प्रभाव को नष्ट कर शुभ फल देता है।
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| 6. | भोगादि ताराग्रह स्वराशि उच्चराशि में हों साथ ही वक्र या अस्तगत हों तो इनका फल मिश्रित प्राप्त होता है.
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| 7. | विपरीत होने पर अर्थात भाग्य भावसे त्रिक, षडवर्ग बलहीन, शत्रुराशि या अस्तगत हो तो जातक भाग्यहीन होता है.
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| 8. | परिहार: पापकर्तरि दोषकारक ग्रह नीच, शत्रु क्षेत्री, अथवा अस्तगत हो, तो इस दोष का परिहार हो जाता है।
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| 9. | दशमेश व निर्बल तृतीयेश युति कर स्थित हो एवं भाग्येश नीच राशि, नवांश में या अस्तगत हो तो जातक भाग्यहीन होता है.
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| 10. | कुछ दिनों बाद यह अंतर इतना अधिक हो जाता है कि अस्तगत ग्रह पूर्वी या पश्चिमी क्षितिज पर फैली सूर्य प्रभा में पुनः दिखाई देने लगता है।
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