| 1. | राष्ट्रीय आग्रहायण 10 से राष्ट्रीय पौष 10 तक
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| 2. | रराष्ट्रीय कार्तिक 10 से राष्ट्रीय आग्रहायण 9 तक
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| 3. | राष्ट्रीय आग्रहायण 07, शक् संवत् 1935.
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| 4. | राष्ट्रीय आग्रहायण 12, शक् संवत् 1935.
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| 5. | राष्ट्रीय आग्रहायण 14, शक् संवत् 1935.
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| 6. | राष्ट्रीय आग्रहायण 13, शक् संवत् 1935.
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| 7. | राष्ट्रीय आग्रहायण 08, शक् संवत् 1935.
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| 8. | यह आग्रहायण या नवसस्येष्ठि यज्ञ ही आगे दीपावली का त्यौहार बन गया।
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| 9. | उतरायण-दक्षिणायन के आरम्भ में जो यज्ञ होते थे-वे आग्रहायण वा नवसस्येष्ठि यज्ञ कहलाते थे।
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| 10. | अग्न्याधान, पूर्णाहुति, अग्निहोत्र, दशपूर्णयास, आग्रहायण (ग्ववसस्येष्ठि) चातुर्मास्य, पशुवध, अग्नि-ष्टोम, राजसूय, बाजपेय, अश्वमेध, पुरूषमेध, सर्वमेध, दक्षिणावाले बहुत दक्षिणा-वाले और असंख्य दक्षिणावाले।
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