बाकी दिनों के लिये सूर्य की आभासी गति के अनुसार संशोधन उन्हें पता थे।
3.
कुछ ग्रंथों में वे पृथ्वी के घूर्णन को आकाश की आभासी गति का कारण बताते हैं.
4.
कुछ ग्रंथों में वे पृथ्वी के घूर्णन को आकाश की आभासी गति का कारण बताते हैं.
5.
कुछ ग्रंथों में वे पृथ्वी के घूर्णन को आकाश की आभासी गति का कारण बताते हैं.
6.
अपने कुछ लेखो मे वह पृथ्वी के सापेक्ष स्वर्ग की आभासी गति का वर्णन करते दिखायी पडते है।
7.
उनका विश्वास था कि स्वर्ग (आकाश/अंतरिक्ष) की आभासी गति पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण होती...
8.
उनका विश्वास था कि स्वर्ग (आकाश/अंतरिक्ष) की आभासी गति पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण होती है।
9.
आदि काल से ही सूर्य की आभासी गति और ऋतुओं के सम्बन्ध को मनुष्य जानता समझता चला आया है।
10.
इस कारण से भारतीय ज्योतिषियों ने इस आभासी गति के अनुसार इन ग्रहों की आठ प्रकार की गतियाँ निर्धारित की है-वक्र, अनुवक्र, विकला, शीघ्र, शीघ्रतर, मन्द, मन्दतर तथा समासम।