| 1. | उड़न-तश्तरी की सेकुलर उड़ान......[भाग-२] शाशिभूषणतामड़े उवाच;
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| 2. | उड़न-तश्तरी देखती, किस-पर-किस घनघोर॥ किस-पर-किस घनघोर,चेंपते औ' बतियाते।
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| 3. | वस्तुतः उड़न-तश्तरी जैसी ही उत्सुकतापूर्ण जानकारियाँ हैं।
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| 4. | उड़न-तश्तरी बन कर, सबके मन पर छा जाते हो।।
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| 5. | उड़न-तश्तरी की सेकुलर उड़ान......[भाग-२]
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| 6. | वैसे फुरसतिया और उड़न-तश्तरी की जोड़ भी जम रही है...
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| 7. | उड़न-तश्तरी की भाँति आसमान से उतरी और धूल के बवंडरों को चीरती
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| 8. | चिनगारी की तरह फुदकती और उड़न-तश्तरी की तरह गायब हो जाती है।
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| 9. | आज हिंदी ब्लॉग-जगत में सबसे अधिक टिप्पणी पाने वाले समीरलाल जी (उड़न-तश्तरी) हैं.
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| 10. | उड़न-तश्तरी ” अंकल को बता देना (ताकि अपने बहीखाते में अभी से दर्ज़ कर लें)
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