साहित्य के माध्यम से उपदेश देने की प्रवृत्ति को उपदेशवाद (डाइडैक्टिसिज़्म /
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यथार्थवादी उपदेशवाद बन के रह जाती और न ही भावना के मृसण संसार
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उदाहरणों के साथ कर रहे हैं, जिससे आपके उपदेशवाद बुक करने के लिए ले जाता है”.
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साहित्य के माध्यम से उपदेश देने की प्रवृत्ति को उपदेशवाद (डाइडैक्टिसिज़्म / Diadacticism) की संज्ञा दी गई है।
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देखा जाए तो उपदेशवाद एक व्यापक साहित्यिक प्रवृत्ति है और संसार की प्रत्येक भाषा के साहित्य में किसी न किसी अंध में इसे खोजा जा सकता है।
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देखा जाए तो उपदेशवाद एक व्यापक साहित्यिक प्रवृत्ति है और संसार की प्रत्येक भाषा के साहित्य में किसी न किसी अंध में इसे खोजा जा सकता है।
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सभी बॉक्स में एक सामूहिक रचना है, जहां हम हास्य संवेदनशीलता, और गहराई की कोशिश का परिणाम है, सब उपदेशवाद से दूर जा रहा है, बच्चों के अधिकारों के बारे में एक दर्जन कहानियाँ.
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उसकी कविता में जीवन तथा जीवन-मूल्यों के प्रति गहरे सरोकार अभिव्यक्त हो रहे थे जिससे यह न तो स्निग्धता हीन यथार्थवादी उपदेशवाद बन के रह जाती और न ही भावना के मृसण संसार में विचलन का शिकार हो रही थी।
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लेकिन यह सब बातें हमें एक शो है कि हमें खुद को और जनता के बारे में सोचते हैं चाहता था, लेकिन भावनाओं को समझ बनाने, हमेशा सभी उपदेशवाद से भागने के लिए और सुंदरता नम्रता, और हास्य को खोजने की कोशिश उत्साहित ऊपर.