कबाबचीनी में 5-20 प्रतिशत उड़नेवाला तैल होता है, जिसमें टरपीन (
2.
कबाबचीनी नाम से काली मिर्च सदृश सवृंत फल बाजार में मिलते हैं।
3.
एक कप उबलता पानी लेकर एक चम्मच कबाबचीनी का चूर्ण डालकर ढंक दें।
4.
ऐसी स्थिति में सुबह-शाम आधा चम्मच कबाबचीनी का चूर्ण और पिसी मिश्री मिलाकर ठंडे पानी के साथ फांककर सेवन करें।
5.
पंसारियों की दूकान से आसानी से प्राप्त हो जाने वाली नागकेसर शीतलचीनी (कबाबचीनी) के आकार से मिलता-जुलता फूल होता है।
6.
* कबाबचीनी का उपयोग कुछ उत्तम आयुर्वेदिक योगों में भी किया जाता है, जैसे अश्वगंधा पाक, कौंच पाक, मकरध्वज वटी, सालम पाक आदि।
7.
कबाबचीनी में 5-20 प्रतिशत उड़नेवाला तैल होता है, जिसमें टरपीन (Terpene), सेस्क्वि-टरपीन (Sesqui-Terpene) तथा केडिनीनी (Cadinene) आदि श्रेणी के कई द्रव्यों का मिश्रण होता है।
8.
बंग भस्म १० ग्राम + प्रवाल पिष्टी १० ग्राम + त्रिबंग भस्म १० ग्राम + जहरमोहरा खताई भस्म १० ग्राम +शीतलचीनी (इसे कबाबचीनी भी कहते हैं)
9.
कबाबचीनी की लता आरोही एवं वर्षानुवर्षी, कांड स्पष्ट तथा मोटी संधियों से युक्त और पत्र चिकने, लंबाग्र, सवृंत और स्पष्ट शिराओंवाले तथा अधिकतर आयताकार होते हैं।
10.
कबाबचीनी की लता आरोही एवं वर्षानुवर्षी, कांड स्पष्ट तथा मोटी संधियों से युक्त और पत्र चिकने, लंबाग्र, सवृंत और स्पष्ट शिराओंवाले तथा अधिकतर आयताकार होते हैं।