बाद व्यवहार, ध्यान और कर्म संबंधी अपरा विद्या के चरण
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इसके बाद व्यवहार, ध्यान और कर्म संबंधी अपरा विद्या के चरण प्रारम्भ होते हैं।
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गुण कर्म संबंधी मत-इस औषधि को श्वांस रोगों में अत्यंत लाभकारी बताया गया है ।
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गुण, कर्म संबंधी मत-आचार्य सुश्रुत ने वासा को क्षय तथा कासनाशक माना है ।
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गुण कर्म संबंधी विभिन्न मत-महर्षि चरक के अनुसार ब्राह्मी मानस रोगों की एक अचूक गुणकारी औषधि है ।
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यज्ञ कर्म और देव कर्म संबंधी कर्म में कहीं कहीं विश्वकर्मा पाचांल ब्राह्मण की सज्ञां स्थापत्य भी कही गई है।
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कर्म संबंधी ऋण को चुकाकर आप उपचारात्मक प्रक्रियाओं के बल पर आने वाली बाधाओं एवं लाभहानि से बच सकते हैं।
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हाथों की अंगुलियों को छिपाने का प्रयास करना: इस प्रकार के जातक के मन में कोई गोपनीय बात होती है, वह बात कर्म संबंधी हो सकती है।
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हाथों की अंगुलियों को छिपाने का प्रयास करना: इस प्रकार के जातक के मन में कोई गोपनीय बात होती है, वह बात कर्म संबंधी हो सकती है।
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गुण, कर्म संबंधी विभिन्न मत-आचार्य चरक ने शतावर को वल्य और वयः स्थापन मधुर स्कंध बताया है जबकि सुश्रुत इसे कटक पंचमूल तथा पित्तशामक समूह का मानते हैं ।