सुखद संयोग के प्रसंग में भी यह कहावती दूहा कहा जाता है।
6.
इस कहावती निर्णय में खाने वाले के पास यह विकल्प ही नहीं होता कि दोनों को खाने से बच सके।
7.
बतरावति हौ।हित जामै हमारो बनै सो करौ, सखियाँ तुम मेरी कहावती हौ॥'हरिचंद जु' जामै न लाभ कछु, हमै बातनि क्यों बहरावति हौ।
8.
हित जामै हमारो बनै सो करौ, सखियाँ तुम मेरी कहावती हौ॥ 'हरिचंद जु' जामै न लाभ कछु, हमै बातनि क्यों बहरावति हौ।
9.
सुबह उठते ही परीक्षा से आज तक कितने दिन गए, यह गिनते हैं और फिर ' कहावती आठ हफ्ते ' में कितने दिन घटते हैं, यह गिनते हैं।
10.
जिस तरह कहावती तोता “ शिकारी आयेगा... ' का जप करते-करते शिकारी के जाल में फंस गया था, ठीक उसी तरह शिबू सोरेन भी ” कांग्रेस धोखेबाज है, कांग्रेसी धोखेबाजी की राजनीति करते हैं...