| 1. | * रुचिर चौतनीं सुभग सिर मेचक कुंचित केस।
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| 2. | मस्तक पर कुंचित अलकावलि पवन-केलि करती थी.
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| 3. | कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा.
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| 4. | कुंचित केश संवृत तुम्हारा मुख कमल है,
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| 5. | कुंचित अलकों सी घुँघराली मन की मरोर बनकर जगती,
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| 6. | चमकत मोर चंद्रिका माथे, कुंचित अलक सुभाल।
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| 7. | कारण कल्याणाभिनिवेश कुंचित हो गया है।
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| 8. | कानन कुंडल कुंचित केसा॥ ४ ॥
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| 9. | के साथ कुछ आकृति सादृश्य (केश कुंचित या घूमे हुए
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| 10. | कुंचित केषी षब्दाकृति से, वार दिया तन को ।
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