| 1. | है कुबुद्धि वह जिससे होता नहीं लोक कल्याण॥
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| 2. | विनाशकाले विपरीत बुद्धि आपातकाले कुबुद्धि ॥ 9 ॥
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| 3. | शंका-आपातकाल में कुबुद्धि ने क् या किया?
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| 4. | कायर । कुबुद्धि और कुजाति हूँ ।
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| 5. | बसूँ कुबुद्धि छोड़ के, विनम्र हाथ जोड़ के ।
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| 6. | कोई दूसरा सुख-दुःख देता है-यह समझना कुबुद्धि है।
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| 7. | कुबुद्धि होगी तो विपदायें आऐंगी और नाश हो जाऐगा।
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| 8. | इन्हें कोई अन्य देता है, यह कहना कुबुद्धि है।
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| 9. | इसीलिए कुबुद्धि को पापों की जननी कहा गया है।
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| 10. | जिनके संग कुबुद्धि उपजै परत ध्यान में भंग,
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