| 1. | कुशा घाट हो या हर की पैड़ी...
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| 2. | कुशा का आसन बिछाकर उसके ऊपर मृग-छाला बिछाएँ।
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| 3. | पाशा कुशा की तासना, पीताम्बर पंकज मुखी।
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| 4. | ए मेरे मुश्किल कुशा अह्लन व सह्लन मरहबा
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| 5. | कैसे जान पाती कि तुम कुशा ही हो।
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| 6. | कुशा हर धार्मिक कार्य में उपयोगी होती है।
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| 7. | लब कुशा हूं तो इस यकिन के साथ
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| 8. | कुशा हर धार्मिक कार्य में उपयोगी होती है।
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| 9. | मुरब्बा में कुशा रख देना श्रेयस्कर होता है.
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| 10. | -केतु के लिए कुशा को घर में रोपें।
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