| 1. | 8: कृमि रोग (पेट के कीड़े)
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| 2. | मिरगी, नासिका रोग, कृमि रोग आदि में विशेष लाभ करती हैं ।
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| 3. | या अफ्रीकी नेत्र कृमि रोग है, का उत्पादन किया है जब फाइलेरिया
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| 4. | कृमि रोग से छुटकारा पाने के लिए कच्चे पपीते का रस पीना चाहिए।
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| 5. | पीलिया, मंदाग्नि, प्रदर, पित्तविकार, प्रमेह, उदर रोग, लीवर, प्लीहा, कृमि रोग आदि नाशक है।
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| 6. | नीम तेल: कृमि रोग, चर्म रोग, जख्म व बवासीर में लाभकारी।
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| 7. | अनार के दानों से तैयार रस भी कृमि रोग के रोकथाम में मदद करता है।
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| 8. | कृमि रोग कुष्ठ, वैसीलिमिया, वायरीमिया सभी में इसकी क्रिया तुरंत होती है ।
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| 9. | गंदे स्थानों में रहने के कारण मुर्गियों में कृमि रोग की संभावना बनी रहती है।
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| 10. | कृमि रोग की चिकित्सा 1-बायबिरंग, नारंगी का सूखा छिलका, चीनी(शक्कर) को समभाग पीसकर रख लें।
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