और जो आक्रान्त हैं ज्वर से उन्हें निज पीयुषवर्षी नयन कोरक से निहार उबारता सुख पात्र कर देता सुधारस
9.
एक महत्वाकांक्षी प्रयोग में यामानाका ने उपरोक्त सभी 24 अनुलेकन कारकों को कोड करने वाली सभी जीन को एक ही चरण में त्वचा कोरक तन्तु (फ्रिब्रोब्लास्ट) में प्रवेश कराया।
10.
कमल कोरक सी कोमल कविता, निशा मध्य हो जैसे सविता कलाकेलि के कलाशाला की कलातीत वो कला कृति है मै कवर पूछ वो कलापिनी है रिपु समक्ष वो कपर्दिनी है कमल नाभ के कर कमलो की कुसुमित वो कता कृति है चाहत मेरी कंत बनूँ मै बने वो कांता मेरी कपिल द्युति की कपिला कारण बन जाये चाहे रणभेरी