| 1. | मांस मछलियां खात है, सुरा पान सों हेत।
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| 2. | संशय सबको खात है संशय सबका पीर |
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| 3. | खात बाये मेवा केहु, केहु करे फाका।।
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| 4. | इस प्रकार पहली कंडरा जानुपृष्ठ के खात (
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| 5. | कबीर, बकरी पाती खात है, ताकी काढी खाल।
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| 6. | नर बकरी खात हैं तिनको कौन हवाल? ॥
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| 7. | आपहुँ तो भीतर गई, जूती खात कपाल।
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| 8. | चलत पयादे खात फल, पिता दीन्ह तजि राजु।
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| 9. | देश, संस्कृति को छोड़, शीला की चिंता खात है
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| 10. | बकरी पाती खात है, ताकी काढ़ी खाल।
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