खेती का स्थान सोयाबीन और गन्ने जैसी नगदी फसलों ने ले लिया.
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मानव समाज में खेती का स्थान तीन कारणों से महत्वपूर्ण रहा है और रहेगा ।
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मानव समाज में खेती का स्थान तीन कारणों से महत्वपूर्ण रहा है और रहेगा ।
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मानव समाज में खेती का स्थान तीन कारणों से महत्वपूर्ण रहा है और रहेगा ।
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गोलमेज परिषद, लंडन, गांधी, मिल मजदूर खेती की अहमियत और विकल्प की दिशा:ले. सुनील(६) मानव समाज में खेती का स्थान तीन कारणों से महत्वपूर्ण रहा है और रहेगा ।
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जहाँ भी सिंध नदी का जल सिंचाई के लिए उपलब्ध है, वहाँ गेहूँ की खेती का स्थान प्रमुख है और इसके अतिरिक्त कपास एवं अन्य अनाजों की भी खेती होती है तथा ढोरों के लिए चरागाह हैं।
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जहाँ भी सिंध नदी का जल सिंचाई के लिए उपलब्ध है, वहाँ गेहूँ की खेती का स्थान प्रमुख है और इसके अतिरिक्त कपास एवं अन्य अनाजों की भी खेती होती है तथा ढोरों के लिए चरागाह हैं।
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इनमें भारतीय जीवन में खेती का स्थान, कृषि विकास की कमियां, बढ़ती विषमताओं, भूमंडलीकरण से पैदा हुई जलिटताओं, खेतिहर समुदायों की दयनीय स्थिति, पर्यावरणीय असंतुलन आदि को स्वीकार करते हुए कृषि नीत के उद्देश्यों को बताया गया है।
10.
एक, अमरीका-यूरोप में खेती का स्थान गौण हो सकता है, लेकिन तमाम औद्योगीकरण और विकास के बावजूद आज भी मानव जाति का बड़ा हिस्सा गांवों में रहता है और अपनी जीविका के लिए खेती, पशु-पालन, मत्स्याखेट, आदि पर आश्रित है ।