भारत के 50 प्रतिशत लोग गरीबी सीमा रेखा के नीचे रहते है।
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चरम गरीबी सीमा एल में प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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ऊपर की आबादी का 50 प्रतिशत करने के लिए गरीबी सीमा के नीचे है.
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गरीबी सीमा से नीचे के परिवारों में रहने वाले बच्चों का प्रतिशत 1980 के दशक के बाद से
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रिपोर्ट के अनुसार, 2003 में, चार के एक परिवार के लिए सरकारी गरीबी सीमा 18,810 डॉलर की वार्षिक आय था.
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समझ है कि वहाँ कुछ भी है कि भी कमी है, या उसकी चेतना में गरीबी सीमा से मिलता नहीं है.
7.
आय गरीबी सीमा रेखा (डीपीएल) के दोगुने आय सीमा (वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 81,000/-रुपए वार्षिकं एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 1,03,000/-रुपए वार्षिकं) से
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गरीबी सीमा से नीचे के सभी बच्चों की उम्र 0 से 17 में रहने वाले का प्रतिशत 2003 में 18 प्रतिशत था, 2002 में 17 प्रतिशत से ऊपर.
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सुरेश तेंदुलकर, मार्टिन देविलोन जैसे अर्थशास्त्रियों के अनुसार 1980 से लेकर अबतक गरीबी सीमा रेखा से नीचे रहनेवाली आबादी में से प्रति वर्ष एक प्रतिशत लोग सीमा रेखा को पार कर रहे हैं।
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जहाँ देश में साक्षरता के लिए सर्व शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन की बड़ी भूमिका रही है वहीं मनरेगा ने गरीबी सीमा रेखा से लोगों को ऊपर उठाने में भरी भूमिका निभाई है.