| 1. | हृदय गवाक्ष: तुम मेरा नाम क्यो नही लेती?
|
| 2. | मुलाकात गवाक्ष के प्रेरक पवन मनीष जी से
|
| 3. | नल नील गवाक्ष, प्रात के रण का समाधान
|
| 4. | उड़न तश्तरी का फुरसतिया पड़ाव हृदय गवाक्ष पर
|
| 5. | हृदय गवाक्ष हृदय पुष्प होकर भी नहीं होना..
|
| 6. | ह्रदय गवाक्ष में भी पढ़ चुके हैं.
|
| 7. | आदरणीय नीरव जी, गवाक्ष निरन्तर मिल रहीं हें।
|
| 8. | हृदय गवाक्ष: मुझे नज़र से डर लगता है।
|
| 9. | उत्तरी तथा दक्षिणी दीवालों में जालीदार गवाक्ष हैं।
|
| 10. | पर कविताओं के ऐसे गवाक्ष कम हैं.
|