| 1. | वात और पित्त का शमन करता है गिलोय
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| 2. | गिलोय ताजा सर्वोच्य हो व चिरायता असली हों।
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| 3. | गिलोय की बेल प्राय: कुण्डलाकार चढ़ती है।
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| 4. | गिलोय के बीज सफेद रेग के होते हैं।
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| 5. | किन जडी-बूटियो का सेवन करे गिलोय के साथ.
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| 6. | ऐसे की जाती है गिलोय की पारम्परिक खेती.
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| 7. | 4) गिलोय / अमृता / अमरबेल सत्व
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| 8. | छिन्नोद्भवा, वत्दसादनी ये गिलोय के संस्कृत नाम हैं।
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| 9. | २० ग्राम + गिलोय सत्व १० ग्राम +लौह
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| 10. | गिलोय को अमृता भी कहा जाता है.
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